इकना न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक मामलों, दावत और मार्गदर्शन मंत्रालय ने 18 जून (तशरीक के दूसरे दिन और ईद-उल-अज़हा के एक दिन बाद) से इन कुरआनों का वितरण शुरू किया है। ये कुरआन हवाई, ज़मीन और समुद्री मार्ग से यात्रा कर रहे हाजियों को दिए जा रहे हैं।
इस साल हज के लिए वितरित किए जाने वाले कुरआनों की संख्या 2,521,380 है, जो मदीना स्थित किंग फहद कुरआन प्रिंटिंग प्रेस द्वारा प्रकाशित किए गए हैं। ये कुरआन विभिन्न भाषाओं और आकारों में हाजियों को भेंट किए गए हैं।
ये कुरआन सऊदी अरब के राजा और दो पवित्र मस्जिदों के सेवक, सलमान बिन अब्दुलअज़ीज अल सऊद की ओर से एक उपहार हैं। इन्हें हाजियों को उनके देश लौटते समय किंग अब्दुलअज़ीज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, जेद्दा इस्लामिक पोर्ट और विभिन्न स्थल, जल और वायु मार्गों पर भेंट किया जा रहा है।
सऊदी अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य अल्लाह के अतिथियों के बीच कुरआन के प्रति सऊदी अरब की प्रतिबद्धता को दर्शाना और उन्हें यह अनमोल उपहार प्रदान करना है।
तशरीक के दिनों का महत्व
तशरीक के दिन ईद-उल-अज़हा के बाद आने वाले तीन दिन (11वां, 12वां और 13वां ज़िल-हिज्जा) होते हैं। "तशरीक" का अर्थ ईद की नमाज़ है, और ये दिन ईद-उल-अज़हा के बाद आते हैं, इसलिए इन्हें "तशरीक़ के दिन" कहा जाता है।
इन दिनों में मुसलमान ज़िक्र, दुआ, तौबा, इस्तिग़फार और हज (तमत्तु) तथा कुर्बानी करते हैं।
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